अभी अभी तो हम आये हैं।
मुकाम पाना तो अभी बाकी है।
और उडान अभी बाकी है।
मुझ को समझने की कोशिश कभी मत करना। तुमसे पहले भी कई तूफानों उड़ा चुका हूँ।
ये जहाँ वाले तो हमें मार ही डालते।
अगर हम जिन्दा हैं,
तो जीने का अंदाज भी जानते है।
मुझे देखकर न कर,
मेरे हुनर का फ़ैसला मत कर।
मेरी हकीकत मत ढूंढ,
तेरा वजूद मिट जायेगा।
सायद ख्वाब टूटे है,
मगर हौंसले जिन्दा है।
हम तो वो है जिन्हें देख के,
सभी मुश्किलें अभी भी शर्मिंदा है।
किसी और के मुकाबले मैंने कुछ ज्यादा पाया नहीं। पर बहुत खुश हूँ की, खुद को गिरा के कुछ उठाया नहीं।
आपकी खौफ हो तो शेर जैसी वरना।
खामोश में डराना तो कुत्ते भी जानते हैं।
जहाँ किसी इंसान की कदर न हो,
वहाँ जाना फ़िज़ूल है।
चाहे किसी का निजी घर हो,
चाहे किसी का निजी दिल।
वही लोग अक्सर उठाते हैं हमारे ऊपर उँगलियाँ। जिसको हमसे बात करने की औकात नहीं होती।
तेरी मोहब्बत की इज्जत करते थे हम।
इसलिए तेरे सामने हाथ फैला दिये हमने।
वरना हमने तो अपनी जिन्दगी की।
किसी के सामने हाथ फैलाकर दुआ भी न मांगी !
और देखे।
अगर हमारी आदत कुछ सहने की नहीं होती।
तो तुम्हारी भी हिम्मत हमें कुछ कहने की नहीं होती !
दुश्मनों को सज़ा देने की एक तहज़ीब सीखी है मैंने।
मैं केवल हाथ नहीं उठाता उन पर बस,
उनको अपनी नज़रों से गिरा देता हूँ।
वैसे तो पूरी दुनिया मेरी दीवानी है। मगर भूल गए है वो लोग औकात अपनी, तो वक्त रहते उन्हें औकात याद दिलानी पड़ी !
मिल जाये जो आसानी से,
उसकी खवाइश नहीं करता मैं।
बस जिद्द मेरी उसकी है,
जो मुकद्दर में ही नहीं है मेरी !
कितनी खूबसूरत लगती है दुनिया,
जब कोई व्यक्ति ,
आपसे बस इतना कह दे कि,
तुम बहुत याद आते हो !