रांझा बना के छोड़ दिया तुने मुझे पर हीर की तलाश नहीं है मुझे अगर फ़िक्र करती हो तुम मेरा तो ज़िक्र जरूर करोगे ये विश्वास है मेरा !

हर रात तन्हाई में एक नाम याद आता है, कभी सुबह तो कभी शाम को याद आता है, जब सोचता हूँ कर लूँ दोबारा मोहब्बत, फिर पहली मोहब्बत का अंजाम सामने नज़र आता है।

 मैं लगता कौन हूँ तुम्हारा अपने महबूब से तुलना ना करना मेरी उसने तो तेरा प्यार पाया है पर मेरा हक तो तुझ पर कुछ भी नहीं !

दुःख ये नही कि उसने बुरा समझा मुझे , पर गम केवल इस बात का है कि, समझा उसने मुझे क्यों नहीं !

अगर मेरा जनाजा उठे तो हमसे मुँह फेर लेना, क्योकि ये हाथ नही उठेगा, मेरा तेरे आँसू पोछने के लिए !

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 केवल वही रिश्ता उम्र भर चलता है जनाब , जहाँ एक दूसरे को समझा जाता है, परखा नही जाता जनाब !

तन्हाई जिंदगी में हमको बहुत कुछ सीखा जाती है ! खासकर अपनो की अहमियत को बता जाती है !

रोने वाला चेहरा कभी झूठा नही होता आंखे तभी रोती हैं जब कोई अपना दर्द देता है !

हर चीज में मिलावट मिली मुझको उसके प्यार में, पर पता नही धोखा दिया क्यों इतना साफ प्यार में !

कौन है ऐसा जिसने दूसरो से धोखा नहीं किया केवल वही ईमानदार बचा है, जिसे कभी मौका नही मिला !

मजाक वही होता है जो दूसरो को हंसाये चोट लगे जो दिल पर वो मजाक नहीं किसी की बेज्जती का आसान तरीका है !

 लोगो ने कहा तू उसे याद ही ना किया कर। अब लोगो को कौन समझाये कि, जीने के लिए सांस लेना भी जरूरी है !

जो किसी की आंखे को न पढ़ सके उससे मोहब्बत क्या करना, और जो खामोशी को भी पढ़ ले, उससे मोहब्बत का इजहार क्या करना !

मुझे हर एक इंसान मिला इस जमाने में पर जो भी मिला केवल अपने काम से मिला !